जिले में पशु चिकित्सा और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा घुमंतू पशुओं को लगाया जा रहा रेडियम बेल्ट और टैग
सक्ती। श्रीमती नूपुर राशि पन्ना के निर्देशन पर जिले में सड़क दुर्घटनाओं में रोकथाम करने के लिए घुमंतू पशुओं को टैग और रेडियम बेल्ट लगाए जा रहे हैं। जिले में पशु चिकित्सा और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा घुमंतू पशुओं को रेडियम बेल्ट और टैग लगाया जा रहा है।
उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग सक्ती से प्राप्त जानकारी अनुसार पशु चिकित्सा विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा विगत दिवस राष्ट्रीय राजमार्ग 49 पर लगभग 20 लावारिस पशुओं की पहचान हेतु कान में टैग लगा कर गले में रेडियम बैल्ट पहनाया गया। यह कार्य विगत 26 जुलाई से लगातार जारी है । उन्होंने बताया कि इस कार्य के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर के निर्देशन में विभाग द्वारा 10 टीम का गठन किया गया है जो जिले के विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गो पर उपरोक्त कार्य संपादित कर रहे हैं। अब तक जिले में 181 पशुओं को रेडियम बैल्ट एवं 375 पशुओं के कान में पहचान हेतु टैग लगाया जा चुका है। यह कार्य लगातार जारी रहेगा।
पशुधन विकास विभाग की टीम द्वारा पशुओं की पहचान के लिए उनके कान पर एक पीले रंग का टैग लगाया जाता है। टैग में 12 अंक होते है जो पशुओं के पहचान पत्र की तरह काम करता है। टैग पर अंकित नंबर के माध्यम से पशुओं की नस्ल, स्वास्थ्य आदि की जानकारी सॉफ्टवेयर में डाली जाती है। जिससे पशुओं की पहचान और उनसे संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो पाती है। उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग सक्ती ने बताया कि बारिश में पानी और कीचड़ के कारण मवेशी रोड पर बैठ जाते हैं। ऐसे में अक्सर वाहन चालकों और मवेशियों के एक्सीडेंट की आशंका बनी रहती है। इसे कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य सड़कों में रेडियम बेल्ट व टैग लगाने का कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन और विभाग द्वारा सभी पशु मालिकों से अपने निजी पशुओं को घर पर बांध कर रखने की अपील की गई है।