अनंतनाग-राजौरी सीट पर दिखी लोकतंत्र की ताकत, आतंकियों के परिजनों ने भी डाले वोट
LoC पर बेखौफ वोटिंग, पुंछ में झड़प, 4 जख्मी
राजौरी/जम्मू / न्यूज उड़ान लोकतंत्र की मजबूती और सटीकता का बेहतरीन उदाहरण लोकसभा चुनाव के छठे चरण में अनंतनाग-राजौरी सीट पर देखने को मिला।
अनंतनाग में करीब 60 और राजौरी-पुंछ दो सीमावर्ती जिला क्षेत्रों में 59.35 फीसदी वोट डाले गए। आतंकी धमकियों और डर के चलते लंबे समय से मतदान के अभाव में रहे लोगों ने भी आज मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत करने में खास भूमिका अदा की।
जम्मू कश्मीर की आखिरी लोकसभा और संवेदनशील सीट अनंतनाग-राजौरी सीट पर मतदान हुए करीब बीस लाख मतदाता 20 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। यह सीट पांचों जिलों राजौरी, पुंछ, शोपियां के जैननपोरा ,
कुलगाम, अनंतनाग फैली हुई है।
चिलचिलाती धूप और लंबी कतार, बावजूद इसके अनंतनाग के मतदाता धैर्यपूर्वक खड़े होकर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का इंतजार कर रहे देखे गए। जम्मू-कश्मीर से साल 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया।
जिसके बाद शोपियां अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा बना।
इस चुनाव में दिलचस्प बात यह रही कि लोकतंत्र के इस पर्व में आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों ने भी वोट किया।
हिजबुल मुजाहिदीन संगठन के आतंकवादी जुनैद रेशी के पिता मुश्ताक अहमद रेशी को शोपियां के बेमिनपुरा के पोलिंग बूथ पर वोट किया।
तो वहीं दक्षिण कश्मीर से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता रहे मुख्तार वजा ने भी शनिवार को कादीपोरा में मतदान किया।
पुंछ जिले के 171 मतदान केंद्रों में से 55 एलओसी के पास स्थित थे ।
राजौरी जिले के 542 मतदान केंद्रों में से 278 संवेदनशील थे जबकि 45 एलओसी ( नियंत्रण रेखा) के पार से सीधी गोलाबारी की रेंज में थे।
लोगों ने बिना पकिस्तान की गोलबारी व खोफ के मतदान किया। जिला राजौरी के अंतर्गत राजौरी, बुद्धल, थनामंडी, नौशहरा में भी लोगों में उत्साह देखने को मिला। वहीं पुंछ में नेशनल कांफ्रेंस और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में झड़प हुई।
जिसमे एक महिला समेत चार लोग जख्मी हुए। जिनका उपचार पुंछ जिला सरकारी अस्पताल में चल रहा है, पुलिस ने इस संबध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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अनिल भारद्वाज