छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक संघ का आमसभा
दिनांक 10/12/2022 को संपन्न हुआ।बैठक में संघ के सदस्यों ने श्री सुशील कुमार देहारी उप पंजीयक रायपुर और श्री मनोज साहू,रिकॉर्ड कीपर के निलंबन पर रोष व्यक्त किया, निलंबन तत्काल समाप्ति की मांग की गई तथा इसका प्रत्येक स्तर पर विरोध करने का निर्णय लिया गया। सदास्यों में पंजीयन कार्य के कठिनाइयों के निराकरण में अधिकारियों की उदासीनता के प्रति अत्यधिक दुख था।वर्तमान में पंजीयन कार्यालयों का सेट-अप मध्यप्रदेश के जमाने का है, जबकि काम कई गुना बढ़ गया है। इस पुराने सेट अप के हिसाब से भी स्टाफ उपलब्ध नही है। कई उप पंजीयक कार्यालयों में अकेले उप पंजीयक कार्य कर रहे हैं,ना कोई बाबू है, ना कोई भृत्य। रायपुर उप पंजीयक कार्यालय में काम के अनुपात में उप पंजीयकों के अतिरिक्त कम से कम 20 स्टाफ की जरूरत है, लेकिन 05 उप पंजियकों के पीछे मात्र 03 पंजीयन लिपिक और एक भृत्य है। इससे विभाग की कार्य क्षमता तथा कार्य निष्पादन दोनों गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। संघ ने एक मत से बढ़े हुए काम के अनुपात में पर्याप्त स्टाफ की मांग की है।
विभाग में लागू पंजीयन सॉफ्टवेयर अत्यधिक जटिल, खर्चीला, समय अपव्ययी तथा दोहराव भरा है। आम जनता तो दूर, तकनीकी लोगों के लिए भी इस सॉफ्टवेयर में रजिस्ट्री कराना बहुत मुश्किल है। उप पंजीयक का पूरा समय केवल सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने, माउस को क्लिक करते रहने और सॉफ्टवेयर के स्टेप बढ़ाने में चला जाता है। उप पंजीयक को दस्तावेज को पढ़ने-समझने का समय ही नहीं मिलता। इसके कारण उप पंजीयकों से पंजीयन में अत्याधिक त्रुटियां तथा कतिपय अपराधिक तत्वों द्वारा विभाग की आंख में धूल झोंकने की संभावना बनी रहती है। अतः पंजीयन सॉफ्टवेयर को मध्यप्रदेश की तरह अत्याधिक सरल,पेपरलेस,कैशलेस बनाने की मांग की गई।
पंजीयन कार्यालय में पंजीयन के अलावा अन्य प्रशासनिक कार्य भी होते है, वर्तमान में ई डी, आयकर विभाग से सैकड़ों जानकारियां तत्काल में मांगी जा रही है। स्टाफ की भारी कमी के चलते पंजीयन कर्मियों को देर रात तक रुक कर ये सभी काम करना पड़ रहा है, जिससे पंजीयन कर्मचारियों का शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है। अतः पंजीयन से दीगर प्रशासनिक एवं अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए कार्यालय समय अवधि में समय अलॉट करने की मांग की गई।
दस्तावेजों पर राजस्व अपवंचन रोकने के लिए उप पंजीयकों को भी जांच पड़ताल के लिए जिला पंजीयक के समान अधिकार और पर्याप्त समय देने की मांग की गई।
पंजीयन विधि में यह प्रावधान है, कि पक्षकार दस्तावेज को अर्जी नविस या अधिवक्ता से ड्राफ्ट करा सकता है, लेकिन पंजीयन कार्यालय में दस्तावेज केवल पक्षकार ही प्रस्तुत कर सकता है। लेकिन रजिस्ट्री अधिकारियों के लाचारी का फायदा उठाते हुए बिचौलिए रजिस्ट्री कराने का ठेका ले लेते हैं और पंजीयन अधिकारियों पर तरह-तरह का दबाव बनाते है। हालत यह है कि भारी भीड़ हमेशा पंजीयन अधिकारियों के सामने खड़ी रहती है।भारी भीड़ के मनोवैज्ञानिक दबाव में पंजीयक स्वतंत्रता पूर्वक पक्षकारों का परीक्षण नही कर पाते। इसका फायदा आपराधिक तत्व उठा रहे हैं। अतः पंजीयन कार्य के लिए पक्षकार के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रवेश को प्रतिबंधित किये जाने तथा पंजीयन स्टाफ को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई।
विभाग द्वारा अत्यधिक संख्या में अप्वाइंटमेंट दिए जाने से पंजीयक मशीनी ढंग से काम कर रहे है, वे न तो पक्षकारों का परीक्षण कर पा रहे है और ना ही दस्तावेजों को देख पा रहे है। अतः मांग की गई कि भली भांति, सम्यक रूप से परीक्षण कर एक रजिस्ट्री करने में लगने वाले समय का भली-भांति विभाग द्वारा परीक्षण किया जाए तथा तदनुरूप ही टोकन जारी किया जाए। संघ द्वारा भी इसका परीक्षण करने का निर्णय लिया गया।
पंजीयन स्टाफ के कार्य-गत लाचारी को देखते हुए बाजार मूल्य संबंधी विशिष्टयों का जान-बूझकर गलत वर्णन किया जा रहा है। अतः दस्तावेज में गलत वर्णन पर प्रारूपकर्ता का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की मांग की गई।
उक्त मांग पूरा नहीं होने पर पंजीयन के लिए प्रस्तुत होने वाले सभी दस्तावेज विरोध स्वरूप जिला पंजीयक को रेफर किए जाने का निर्णय लिया गया। इन मांगो पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर माननीय उच्च न्यायालय में रिट फाइल करने संबंधी सभी कार्यवाही के लिए अध्यक्ष और सचिव को अधिकृत किया गया।