प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा विषय पर विद्यार्थियों का किया मार्गदर्शन
कलेक्टर के साथ शिक्षक-विद्यार्थी व जनप्रतिनिधी भी हुए शामिल।
सक्ती(,न्यूज उड़ान ) जीवन में हार मानकर हताश हो जाना अच्छी बात नहीं है। गलतियां हमें हर मोड़ पर नई सीख देती हैं यह बात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान छात्रों से कहा कि हर गलती हमें नई सीख देती है।
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि स्टूडेंस्ट, टीचर्स और पेरेंट्स के साथ बोर्ड परीक्षा से पहले होने वाले तनाव और डर को कम करने के लिए 7वीं बार परीक्षा पे चर्चा कर्यक्रम कर रहे हैं जिसका बच्चों पर हमेशा की तरह सकारात्मक प्रभाव बढ़ेगा। आज प्रधानमंत्री के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के सप्तम संस्करण का प्रसारण जिला प्रशासन के दिशानिर्देशन में शिक्षक एवं विद्यार्थियों के साथ ही जनप्रतिनिधी शामिल होकर प्रधानमंत्री श्री मोदी के तार्किक बातों को सुनकर आत्मसात किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऑनलाइन परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का जिलास्तरीय आयोजन कलेक्टोरेट परिसर के सभाकक्ष में किया गया।
प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा 2024 के दौरान विद्यार्थियों शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे बच्चों में लचीलापन पैदा करना और उन्हें दबावों से निपटने में मदद करना महत्वपूर्ण है। छात्रों की चुनौतियों का समाधान अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों को भी सामूहिक रूप से करना चाहिए। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा छात्रों के विकास के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक एक अध्यापक की भूमिका के साथ ही छात्रों के जीवन को संवारने की जिम्मेदारी निभाते हैं। उन्होंने कहा विद्यार्थियों के माता-पिता को अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को उनका विजिटिंग कार्ड नहीं बनाना चाहिए। छात्रों और शिक्षकों के बीच का बंधन पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परे होना चाहिए।
अपने बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के बीज कभी न बोएं। बल्कि भाई-बहनों को एक.दूसरे के लिए प्रेरणा बनना चाहिए। अपने सभी कार्यों और अध्ययन में प्रतिबद्ध और निर्णायक बनने का प्रयास करें। जितना संभव हो उत्तर लिखने का अभ्यास करें। यदि आपके पास वह अभ्यास है तो परीक्षा हॉल का अधिकांश तनाव दूर हो जाएगा। प्रौद्योगिकी को बोझ नहीं बनना चाहिए। इसका विवेकपूर्ण उपयोग करें।
सही समय जैसा कुछ नहीं है इसलिए इसका इंतजार न करें। चुनौतियाँ आती रहेंगी और आपको उन चुनौतियों को चुनौती देनी होगी। यदि लाखों चुनौतियाँ हैं, तो अरबों समाधान भी हैं। असफलताओं से निराशा नहीं होनी चाहिए। हर गलती एक नई सीख देती हैं।
जिलास्तरीय कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के समापन के बाद बच्चों से चर्चा करते हुए बताया कि शत प्रतिशत सफलता का लक्ष्य तय करें और उसे हासिल करने शिद्दत से लग जाएं तभी सफलता मिलेगी।
क्योंकि आने वाला प्रति दिन लक्ष्य की ओर चुनौतीपूर्ण हो रहा है जिसके लिए पूरी ईमानदारी और लगन से मेहनत करने की आवश्यकता हैl
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने भी अपने संबोधन दिये उन्होंने विद्यार्थियों एवम शिक्षकों से संस्कारित शिक्षा को आत्मसात करने की बात कहते हुए बताया कि विद्यार्थी का सबसे बड़ा संस्कार अनुशासन है। जिसके बिना बड़ी से बड़ी सफलता तुच्छ है क्योंकि संस्कार विहीन एवम् अमर्यादित व्यवहार से राष्ट्र सुखी और समृद्ध नहीं हो सकता।
इस अवसर पर ज्वाइंट कलेक्टर श्री बालेश्वर राम, ज्वाइंट कलेक्टर श्री के एस पैकरा, श्री राम अवतार अग्रवाल, श्री संजय रामचन्द, उच्च न्यायालय अधिवक्ता श्री चितरंजय पटेल, श्रीमती कमलेश जांगड़े, श्री कवि वर्मा, श्री रंजन कुमार सिन्हा , श्री रामनरेश यादव, जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.एल खरे एवं स्टाफ, हायर सेकेण्डरी स्कूल जेठा के प्राचार्य श्री गजेंद्र राठौर एवम् विद्यालय परिवार उपस्थिति रहे।