जिले के 81 ग्राम पंचायत 3.73 करोड़ का हिसाब नहीं दे पा रहे हैं, सरंपच व सचिवों से वसूली की कार्रवाई की जा सकती हैं
कोरबा। जिले के ग्राम पंचायतों में मनमानी बढ़ गई है। राशि मिलने के बाद विकास कार्यों में खर्च बता कर रिकॉर्ड भी प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। 3 ब्लॉक के 81 ग्राम पंचायतों में तीन करोड़ 73 लाख 577 रुपए का हिसाब नहीं मिलने पर नोटिस जारी किया गया है। उसके बाद भी कई पंचायतों ने जवाब ही नहीं दिया है। हिसाब नहीं देने पर सरपंच व सचिवों को जिम्मेदार मानते हुए वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
पंचायतों को आबादी के हिसाब से मूलभूत राशि और 15 वे वित्त की राशि दी गई है। साथ ही मनरेगा से भी राशि मिलती है। साल भर मिली राशि के खर्च की ऑडिट कराई जाती है। कोरबा के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के 52 कटघोरा के 29 समय और भी पंचायतों में ऑडिट करने पर हिसाब ही नहीं मिला। कई पंचायतों ने खर्च करने के बाद रसीद ही नहीं लगाई थी तो कईयों ने दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं कराया। पंचायत विभाग ने ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सभी को नोटिस जारी किया है। लेकिन 2 साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पंचायतों को राशि का समायोजन करने का भी समय दिया जाता है। इसकी वजह से भी पंचायतें मनमानी कर रही है। जनपद स्तर के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके बाद और भी पंचायतों में गड़बड़ी सामने आ रही है। पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के रिंगनिया में तो 8 लाख 12 हजार रुपए का हिसाब नहीं मिला है। पिपरिया में 10 लाख, मदनपुर में 2 लाख, नवापारा में 9 लाख 31 हजार ,तनेरा में 9 लाख रुपए का हिसाब नहीं दिया गया है। इसके पहले कई पंचायतों में टॉयलेट निर्माण और पीएम आवास निर्माण में राशि निकालने के बाद काम नहीं कराने का मामला सामने आ चुका है। पंचायत विभाग की उप संचालक जुली तिर्की का कहना है कि जहां भी ऑडिट में आपत्ति आई है उन पंचायतों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। इसके बाद सभी पंचायतों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।