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KORBA

क्या भूपेश बघेल का यही है शिक्षा मॉडल! तिमाही परीक्षा शुरू हो गई और स्कूलों में शिक्षक तक नियुक्त नहीं कर पाई सरकार


कोरबा।देश-दुनिया में जाकर छत्तीसगढ़ के शिक्षा मॉडल का ढिंढ़ोरा पीटने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की झूठ के पोल खुलते जा रहे है। सरकारी और आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई ठप है। शिक्षकों की पदोन्नति और पदस्थापना में भ्रष्टाचार जिसे कोर्ट की लताड़ के बाद प्रदेश सरकार को स्वीकारना पड़ा, किसी से छिपा नहीं है।

उक्त बातें कहते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजीव सिंह ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूल के माध्यम से विश्वस्तरीय शिक्षा देने का दावा करने वाली भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में 56 हजार से अधिक शिक्षकों के खाली पद नहीं भर पाई है। छत्तीसगढ़ के जिस शिक्षा मॉडल और बेहतरीन सरकारी स्कूलों का भूपेश बघेल दम भरते रहते हैं उसकी असलियत जनता के सामने आने लगी है। स्कूलों में अभी तिमाही परीक्षाएं शुरू हो रही हैं और ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। कई जगह तो स्कूल के बच्चों और पालकों ने मिलकर स्कूल में तालाबंदी तक की, लेकिन भूपेश सरकार नींद से नहीं जागी। और तो और जिन स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बेहत्तर शिक्षा देने का दावा भूपेश बघेल करते हैं वहां के परीक्षा परिणाम बहुत ही खराब रहे हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि कोरबा जिले में केरैहापारा जामपानी, बनबुड़ा, खिटी, रनी जैसे दर्जनों स्कूल हैं जहां शिक्षकों के अभाव में बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। यहां के स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हैं। बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक नियुक्त है। आत्मानंद स्कूलों में अधिकतर पद नहीं भरे जा सके हैं।

डॉक्टर राजीव सिंह ने सवाल किया है कि भूपेश बघेल क्या ऐसी ही शिक्षा व्यवस्था के साथ नया छत्तीसगढ़ गढऩे का दावा कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता अब कांगे्रस की दोगली नीतियों को अच्छे से समझ गई है। उनके झांसे में नहीं आने वाली, चाहे कितना भी ढिंढोरा पीट लें। ढोल के पोल को सभी समझ गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेंकेंड्री स्कूलों में शिक्षकों के निर्धारित पदों की उपलब्धता को तो छोडि़ए जिस स्वामी आत्मानंद स्कूल का ढोल पीटकर भूपेश के शिक्षा मॉडल का गुणगान किया जा रहा है, वहां भी रेगुलर तो छोडि़ए संविदा शिक्षकों की भर्ती भी स्कूल खुलने के चार माह बाद भी नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि शराब घोटाला, कोयला घोटाला, गोबर घोटाला, सीजी पीएससी घोटाला की तरह स्वामी आत्मानंद स्कूलों में संविदा भर्ती में भी गड़बड़ी और घोटाले के मामले सामने आ चुके हैं।

जशपुर, जांजगीर, राजनांदगांव, कांकेर समेत कई जिलों में भर्ती में गड़बड़ी और घोटाले उजागर हो चुके हैं। इन घोटालों के खुलने के बाद बेशर्म भूपेश सरकार को वहां की भर्ती प्रक्रिया तक निरस्त करनी पड़ी। जो सरकार सही तरीके से संविदा भर्ती नहीं कर पा रही है, उस सरकार से बेहतर शिक्षा की उम्मीद करना ही बेइमानी है।

भाजपा जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजीव सिंह ने कहा कि विधानसभा में छत्तीसगढ़ के तात्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया था कि छत्तीसगढ़ के स्कूलों में 56 हजार 232 पद खाली हैं। इनमें प्राथमिक शाला में 27150, पूर्व माध्यमिक शाला में 19619, हाई स्कूल में 2515 और हायर सेकंडरी स्कूल में 6948 शिक्षकों की कमी है। यह सरकार की खोखली शिक्षा नीति को दर्शाती है।


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