बालको ने त्यौहारों पर आय सृजन हेतु 300 महिलाओं को किया प्रशिक्षित
कोरबा| कोरबा जिले में स्थित वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी (बालको) ने त्यौहारों का उत्साह बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) हेतु नई पहल की है। कंपनी के उन्नति परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षिण के माध्यम से एसएचजी सदस्यों हेतु विभिन्न उत्पाद बनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। कार्यशालाओं के माध्यम से बालको प्रतिभागियों को अपने लिए राजस्व और आय सृजन के लिए अतिरिक्त स्त्रोत बनाने में मददकर रहा है। त्यौहारों के उमंग एवं उत्साह को बढ़ावा मिल रहा है।
बालको ने रक्षाबंधन त्यौहार के दौरान अपने सामुदायिक परियोजना ‘उन्नति’ के तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशालाओं की शुरुआत की थी। त्यौहार से पहले सदस्यों ने हस्तनिर्मित राखियां बनाई और बेचीं। वहीं गणेश चतुर्थी त्यौहार पर नर्मदा नदी से निकाली गई पवित्र मिट्टी और गंगा नदी के पानी से भगवान गणेश की पर्यावरण अनुकूल मूर्तियां बनाईं। नई पहल होने के बावजूद एसएचजी सदस्यों ने गणेश की अधिकांश मूर्तियों को बेचने में सफलता हासिल की जो उनकी मेहनत एवं गुणवत्ता को दर्शाता है।
दिवाली त्यौहार के मद्देनजर एसएचजी सदस्यों ने स्थानीय महिलाओं के विविध हितों को ध्यान में रखते हुए कई प्रशिक्षण सत्रों की पेशकश की है। वर्तमान में संचालित कार्यशाला ‘कला प्रशिक्षण’ और ‘हस्तनिर्मित चॉकलेट’ सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को बुनियादी ड्राइंग एवं पेंटिंग कौशल और स्वादिष्ट चॉकलेट बनाने की विधि सिखाई जा रही है। इसके अलावा ‘छत्तीसा’ पहल की शुरूआत की है जिसमें पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाना सिखाया जा रहा है। कार्यशाला की मदद से अब तक 300 से ज्यादा एसएचजी सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने कहा कि हम समाज की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्थानीय महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अनेक अवसर बालको की परियोजना उन्नति के जरिए उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं। इससे उन्हें समाज में अपनी स्वतंत्र पहचान स्थापित करने में मदद मिलेगी। श्री पति ने कहा कि महिलाएं अपने परिवार, समाज और देश को बुलंदियों पर लेकर जाने में अपना योगदान दें। बालको प्रबंधन महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध है।
स्वयंसेवी संगठन जीपीआर स्ट्रैटेजीज एंड सोल्यूशंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेक्स मेहता कहते हैं कि बालको सामुदायिक विकास के चहुंमुखी प्रयासों के अंतर्गत उन्नति परियोजना सफलता का एक उदाहरण है। उन्नति परियोजना के अंतर्गत महिला सबलीकरण के उद्देश्य से आर्थिक समावेशन एवं स्वावलंबन, समूह तथा सामाजिक सुदृढ़ीकरण के आधार स्तंभों को लक्षित किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि महिलाओं की रचनात्मक भागीदारी से यह परियोजना नई ऊंचाइयों को छूएगी।
लाभार्थी धनेश्वरी गोस्वामी ने बताया कि चॉकलेट बनाने का अनुभव वाकई में बहुत अच्छा था। हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि जो चॉकलेट बाजार से खरीदते हैंउसे घर पर भी बनाया जा सकता है। प्रशिक्षण से हम चॉकलेट बनाना सीख गए और जिसे बाजार में बेचकरअपनी आय बढ़ाने में मदद मिली है।
परियोजना उन्नति के जरिए महिलाओं को अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है जिससे उन्हें आजीविका प्राप्त करने और खुद के पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। वर्तमान में कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 458 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5066 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। परियोजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के फेडरेशन विकास की दिशा में कार्य जारी है। महिलाओं को क्षमता निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, सूक्ष्म उद्यमों के प्रचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।