माकपा के 50 सदस्यों ने दिया पार्टी से सामूहिक इस्तीफा
_प्रशांत झा, संजय पराते और मनोहर पर आर्थिक अनियमितता सहित अनेक गंभीर आरोप_लगाये
कोरबा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 50 पार्टी सदस्यों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। पार्टी छोड़ने वालों में पार्टी के राज्य समिति, जिला समिति ,लोकल कमेटी सहित एक दर्जन से ज्यादा ब्रांच कमेटी के मेंबर शामिल है । आज एक प्रेस बयान जारी कर पार्टी के वरिष्ठ नेता जनक दास कुलदीप ने यह जानकारी दी।
प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि पार्टी के राज्य स्तरीय नेता प्रशांत झा, संजय पराते और व्ही एन मनोहर के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की शिकायत पार्टी राज्य एवं केंद्रीय समिति एवं राज्य समिति को तीन साल पहले ही किया गया था लेकिन पार्टी केंद्रीय समिति पूरे मामले को लीपापोती करने में जुटी हुई थी और वास्तविकता को नजरंदाज करने में तुली हुई है।लाखों रुपैया की आर्थिक अनियमितताएं होना प्रमाणित होने के बाद भी केंद्रीय नेतृत्व ने मामले को दबाने और रफा दफा करने में लगी हुई थी।जिससे नाराज होकर पार्टी के सदस्यों ने अपनी सामूहिक इस्तीफा पत्र आज पार्टी केंद्रीय व राज्य नेतृत्व को भेज दिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा पर आर्थिक भ्रष्टाचार के अलावा मनमानी और व्यक्तिवादी ढंग से पार्टी को चलाने का भी आरोप है।जिला में पार्टी की गतिविधियों में पार्टी में निर्णय न लेकर वे स्वयंभू नेता बनने में लगे हुए है जिसके पीछे उनके व्यक्तिगत निहित स्वार्थ जुड़ा हुआ है, वे पार्टी और संगठन को जेबी संगठन के रूप में संचालित कर रहे है। पार्टी की सामूहिक निर्णय की सिद्धांत को वे तिलांजलि दे दिए है ताकि उनकी अवैध वसूली बेरोक टोक चल सके और उनके उपर पार्टी का कोई नियंत्रण न रहे सके। उन्होंने कहा कि प्रशांत झा पार्टी के सभी नियमों को ताक में रखकर ठेकेदारों से धमकी देकर अवैध वसूली करते है,मड़वाढोंढा वार्ड में ठेकेदारों से कमीशन लेते है और भू विस्थापितों के आंदोलन के नाम पर एस ई सी एल प्रबंधन से ब्लैकमेलिंग कर कंपनी में अन्य नाम से या अपने भाई के नाम से ठेका लेते रहते है।भू विस्थापितों के आड़ में वे अपनी उल्लू सीधा कर रहे है।कोयला प्रबंधन और प्रशांत झा के बीच एक नापाक गठजोड़ है जो भूविस्थापितो के समस्याओं को हल करने में सबसे बड़ी बाधाए है।वे भूविस्थापितों को गुमराह और भ्रमित कर रहे है।
श्री जनक दास ने कहा कि इस्तीफा पत्र में इस बात को भी रेखांकित किया गया है कि भू विस्थापितों को संगठित कर आंदोलन करने के आरोप में सपुरन कुलदीप को पार्टी से निष्कासित किया गया तो फिर अब प्रशांत झा उन्ही मुद्दे को लेकर आंदोलन करने के पीछे एक गहरी साजिश होना ही साबित होता है।प्रशांत झा पार्टी के दिशानिर्देश पर कोई आंदोलन नही चला रहा है और उनके आंदोलन के पीछे न ही पार्टी का कोई समझ है। बल्कि उसके आंदोलन के पीछे निहित स्वार्थी तत्व लगा हुआ है जिनके इशारे पर प्रशांत झा पार्टी के बैनर का उपयोग कर रहा है। निहित स्वार्थी तत्व के इशारे पर वो आंदोलन चला रहे है।उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि जिनके पास आजीविका का कोई साधन न हो उनके पास पिछले तीन वर्षो में इतनी संपत्ति कैसे हो गया है?
श्री जनक दास ने कहा कि पार्टी जिला सचिव पर जिला के एक प्रभावशाली निजी कंपनी के दलाल होने जैसे गंभीर आरोप भी है।पार्टी के केंद्र एवं राज्य समिति ने हमारी कोई भी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया है। पार्टी में स्थानीय लोगो को प्राथमिकता ना देकर उनको उपेक्षित करने का भी आरोप है।पार्टी के राज्य नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों को कोई तवज्जो नहीं दिया जाता है।छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगो को यह नेतृत्व हीन नजर से देखते है।स्थानीय लोगो को आगे लाने का कोई स्पष्ट नीति भी पार्टी के पास नही है। पार्टी की इन सभी नजरिया के कारण ही हम सभी लोग पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिए है।
पार्टी से इस्तीफा देने वालों में पार्टी के राज्य समिति सदस्य,जिला समिति सदस्य भी शामिल है।
जनक दास कुलदीप